हरियाणा में एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र होगा और सुदृढ़, मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एमओए का हुआ आदान-प्रदान
MSME ecosystem in Haryana will be further strengthened
MSME ecosystem in Haryana will be further strengthened : चंडीगढ़। हरियाणा प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उद्योग और वाणिज्य विभाग ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अनुमोदित तीन टीआरईडीएस (व्यापार प्राप्य ई डिस्काउंटिंग सिस्टम) संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (एमओए) का आदान-प्रदान किया।
एमओए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की उपस्थिति में आज यहां एक्सचेंज किया गया। एमओए का आदान-प्रदान रिसीवेबल एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (आरएक्सआईएल), मायंड सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (एम१एक्सचेंज) और ए.टीआरईडीएस लिमिटेड (इनवॉइसमार्ट) के साथ किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा मुख्य रूप से कृषि प्रधान प्रदेश है, लेकिन घटती भूमि जोत के कारण इस क्षेत्र का दायरा सीमित है। नतीजतन, उद्योगों और अन्य क्षेत्रों में को प्रोत्साहन व बढावा देने की अति आवश्यकता है। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है।
उन्होंने टीआरईडीएस प्लेटफॉर्म पर आपूर्तिकर्ताओं, खरीदारों, बैंकरों और एनबीएफसी की सक्रिय भागीदारी, एमएसएमई के बीच डिजिटल ऋण और उठाव को बढ़ावा देने के माध्यम से एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की वर्तमान आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार धीरे-धीरे अपने विभागों और पीएसयू को टीआरईडीएस प्लेटफॉर्म पर ला रही है, जिससे एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं को समय पर और पारदर्शी भुगतान सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर उपस्थित उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में उद्योगों ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है, जिससे विभिन्न प्रकार के औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला है। उन्होंने राज्य में एमएसएमई की बढ़ती संख्या पर प्रकाश डाला और आश्वासन दिया कि सरकार इन उद्यमों के लिए सुरक्षा और सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय रिजर्व बैंक की एक पहल, टीआरईडीएस, एमएसएमई के लिए कार्यशील पूंजी सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह एक बिल छूट तंत्र है जिसके माध्यम से एमएसएमई अपने भुगतान की नियत तारीख से पहले वित्तपोषकों के माध्यम से चालान राशि का एक छोटा सा अंश छोडक़र, यानी छूट देकर, अपने चालान को मंजूरी दे सकते हैं। टीआरईडीएस एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाने और तेज करने कार्यक्रम के लिए भी एक महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र है और इसे एमएसएमई के लिए भुगतान चैनल बनाने के लिए सरकार और बैंकरों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। आरबीआई के अनुसार, ‘रिकोर्स‘ आधार पर फैक्टरिंग लेनदेन बैंकों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र वर्गीकरण के लिए पात्र होंगे। टीआरईडीएस संस्थाओं ने लेनदेन को सुरक्षित, संरक्षित और गोपनीय रखते हुए प्रतिभागियों की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ग्राहक और लेनदेन डेटा से समझौता न किया जाए, बुनियादी ढांचे और एप्लिकेशन स्तर पर प्रभावी सुरक्षा उपाय किए जाते हैं।
यह एमओए नकदी संकट से जूझ रहे एमएसएमई के बीच तरलता बढ़ाने की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है। यह कदम एमएसएमई विक्रेताओं को कम लागत तथा कोई कोलेटरल फंडिंग नही प्रदान करके हरियाणा में एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा, जो पहले विलंबित भुगतान और तीव्र कार्यशील पूंजी की कमी का खामियाजा भुगत रहे थे।
इस अवसर पर श्रम राज्य मंत्री अनूप धानक, मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, एसीएस उद्योग एवं वाणिज्य आनंद मोहन शरण, एसीएस चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान श्रीमती सुमिता मिश्रा, एसीएस वित्त अनुराग रस्तोगी, एसीएस पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग ए के सिंह और अन्य अधिकारी, बैंकर्स और एमएसएमई एसोसिएशन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
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